में इसे मेरी फिल्म कहूंगा! क्योंकि इसकी शूटिंग मेरे गांव में हुई है, उस समय के गांव के लोगों ने भी इसमें अभिनय किया है, इसकी शूटिंग कक समय कुछ कुछ याद है, बचपन में दसियों बार इस फ़िल्म को देखा है, अभी भी देखने को मन करता है लेकिन मिल नहीं रही है। राजस्थानी भाषा की दृष्टि से उम्दा फ़िल्म है, हरिहरन जी का गायन जो आजकल के बड़े फिल्मकारों को सुलभ नहीं है, वो इसमें है, इसके सभी गाने आज भी कहीं सुनते है तो बचपन याद आ जाता है, खासकर 'हेत रे हिंडे' सुनकर तो मन हिंडोले लेने लगता है। में इस फिल्म को 10 में से 1000 अंको को रेटिंग दूंगा।